प्रमुख हड़प्पा साईट और उनके खुदाई करने वाले
साईट का नाम-हड़प्पा
खुदाई का वर्ष : 1921
खुदाई करता - दया राम साहनी

•शहर ग्रिड योजना का पालन किया गया है l
•छह अनाज के भंडार की दो पंक्तियां ।
•नृत्य नटराज (पत्थर)
•केवल ताबूत दफन के सबूत होने की जगह है।

खुदाई का वर्ष : 1922
खुदाई करने वाले- आरडी बनर्जी
सिन्धु नदी के दायें किनारे पर सिंध के लरकाना जिले में (अब पाकिस्तान में)
• शहर ग्रिड योजना का पालन किया गया है l
•एक बड़ा अन्न भंडार, महान स्नान और एक महाविद्यालय।
•आक्रमण और नरसंहार दिखा मानव कंकाल।
•घोड़े के साक्ष्य लोहे सतही स्तर आता है।
•बुने हुए सूत के कपडे के साथ चरखे की धुरी और सुई
•साबुन का पत्थर और एक कांस्य नृत्य लड़की में एक दाढ़ी वाले आदमी पाए गए हैं l
•शहर में सात से अधिक बार बाढ़ आयी थी l
• हाथ में फुल लिए देवी माँ का प्रतिनिधित्व करने वाली और एक चाक़ू से महिला की बलि देती हुए मुहर

खुदाई का वर्ष - 1927
खुदाई करने वाले- आर. एल. स्टें (RL. Stein)
बास्क नदी के किनारे बलूचिस्तान में l
•परिपक्व चरण में हड़प्पा और बाबुल के बीच व्यापार व्यापारिक केंद्र l
•मजबूत किले और घोड़े के साक्ष्य

खुदाई का वर्ष-1931
खुदाई करने वाले-एन गोपाल मजुमदार, मक्की
सिन्धु नदी के दायें किनारे पर सिंध में स्थित है
•शहर में कोई किला नही है
•मोती बनाने की दुकान के कारण प्रसिद्ध है
•छोटा सा घड़ा, संभवत: दवात हो सकती है l
•बिल्ली का पीछा करती बिल्ली
•तांबे और कांस्य की गाड़ी के उपकरण, जिस पर चालक बेठा है
•सिन्धु, झुकर और झंगर तीन विभिन्न संस्कृतियाँ

साईट का नाम : अमरी
खुदाई का वर्ष : 1935
खुदाई करने वाले-एन.जी मजुमदार
सिन्धु नदी के किनारे सिन्धु नदी पर
•चिकारा के साक्ष्य मिले हैं
साईट का नाम : कालीबंगा
खुदाई का वर्ष -1953
खुदाई करने वाले – ए. घोष
राजस्थान में घग्गर नदी के बाएं स्थित है
•पूर्व हड़प्पा और हड़प्पा दोनों चरण को दिखाता है।
•हल से खेत में बनी लकीरों के निशान
•सात अग्नि वेदियों और ऊंट की हड्डियों के साक्ष्य।
•कुओं सहित बहुत से घाट
•कालीबंगा का अर्थ है काली चूड़िया l
•लकड़ी के कुंड के साक्ष्य
साईट का नाम : कोट दिजी
खुदाई का वर्ष - 1953
खुदाई करने वाले – राजाल अहमद
सिन्धु के दायें किनारे पर स्थित है
•चाक से बने मटके
•रक्षात्मक दीवार और योजना बद्ध सड़कें पायी गयी हैं l
•धातु विज्ञान, कलात्मक खिलौने आदि बनाने का ज्ञान l •देवी माँ के पांच मूर्तियों की खोज की गयी l

खुदाई का वर्ष : 1953
खुदाई करने वाले : एम एस वत्स, बी.बी. लाल और एस.आर. राव
•गुजरात में महार नदी के किनारे, यहाँ पर चावल की खेती होती थी l

साईट का नाम : रोपर
खुदाई का वर्ष-1953
खुदाई करने वाले : वाई. डी शर्मा
पंजाब में सतलज नदी के किनारे
•मानव की कब्र के नीचे कुत्ते के दफ़न होने के साक्ष्य l
•आयताकार कीचड़ रिक चैम्बर का उदाहरण देखा गया था।
•पांचगुना संस्कृति-हड़प्पा, पीजीडब्ल्यू , एनबीपी, कुषाण-गुप्ता और मध्यकालीन।
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